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खाओ,खिलाओ और खिलखिलाओ- उपाध्याय श्री विहसन्तसागर जी कभी भी किसी से चाह मत रखो, जो मिल जाये समझो अहोभाग्य


26 अप्रैल को आगरा के कमला नगर स्थित श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर में उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर खुद 4 रोटी खाते हो तो 2 रोटी अतिथि के नाम की बनाकर रखना ,पहले अतिथी को खिलाओ,फिर स्वयं खाओ, पढि़ए विशेष रिपोर्ट ………. 


आगरा । 26 अप्रैल को आगरा के कमला नगर स्थित श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर में उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर खुद 4 रोटी खाते हो तो 2 रोटी अतिथि के नाम की बनाकर रखना ,पहले अतिथी को खिलाओ फिर स्वयं खाओ, उन्होंने श्रावक के 12 व्रतो मे से अतिथि संविभाग व्रत के बारे में बताते हुए कहा कि प्रत्येक श्रावक के लिये मुनियों को आहारदान तो आवश्यक है ही और मन्दिर मे कोई बाहर का अतिथी आ जाये तो उसके भोजन की व्यवस्था पहले करना भी उतना ही आवश्यक है ।

उन्होने आगरा जैन समाज को नगर के मध्य में निर्धारित दर पर एक शुद्ध भोजनशाला खोलने का उपदेश दिया, उन्होने कहा कि उससे बाहर से आने वाले अतिथि तो लाभान्वित होंगे ही साथ ही साथ नगर मे रहने वाले एकल परिवार भी इसका लाभ ले सकेंगे, उन्होने आगे कहा कि कभी भी किसी से चाह मत रखो, जो मिल जाये उसको अपना अहोभाग्य समझो। श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर कमलानगर में आयोजित सभा में पूज्य महाराज जी ने यह विचार व्यक्त किए|

प्रवचन सभा का शुभारंभ मंगलाचरण से अमिता जैन शास्त्री परिवार,दीप प्रज्वलन मुकेश बाबू जैन एडवोकेट,पाद प्रक्षालन जगदीश प्रसाद जैन, अनिल रईस, अनिल FCI, मनोज बूरेवाले, महेश जैन, सुभाष जैन, बन्टी द्वारा व शास्त्र भेंट रश्मी गोयल, सुविणा रईस, सुशीला जैन, ऊषा जैन शास्त्री ने किए| संचालन मनोज जैन बांकलीवाल ने किया| श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर शालीमार एनक्लेव, कमलानगर ने आगामी मंगल प्रवास के लिए श्रीफल अर्पण किया|

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