मन्दिर जी में घण्टा रहता है, उसे क्यों बजाते हैं? घंटा बजाते समय हमारे क्या भाव होने चाहिये ? ये प्रश्न प्रायः मन में उठते अवश्य हैं किन्तु यथार्थ समाधान नहीं मिलने से मन कुण्ठित हो जाता है। सुनो ...
क्या आप जानते है
मंदिर जाने से पहले सबसे पहले शुभ संकल्प करके दैनिक शौचादिक क्रियाओं से निपटकर, छने हुये जल से स्नान करना चाहिए। नहाते समय शैम्पू या चर्बीयुक्त साबुन प्रयोग...
विश्व की प्रायः सभी धर्म संस्कृतियाँ प्रातः काल की ब्रह्मबेला को महत्त्व देती हैं। पर हमें यह नहीं मालूम कि ब्रह्मबेला कहते किसे हैं, इसका क्या महत्त्व है ...
भगवान तीर्थंकर का पूजन अभिषेक पूर्वक ही मान्य है और सम्पूर्ण फल की प्राप्ति कराने वाला है। अभिषेक से संसार और मोक्ष सुख, दोनों मिलते हैं। जिन प्रतिमाओं की...
पूजन,अर्चन,भक्ति इन सबके माध्यम से श्रावक पंचपरमेष्ठी भगवान के गुणों का गान करते हैं, उनका चिंतन करते हैं। इन सबके साथ भाव का होना अत्यंत आवश्यक है। पूजा हो या...