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उपाध्याय श्री विहसंतसागर जी महाराज ससंघ पहुंचे शालीमार एन्क्लेव जैन मन्दिर पाद प्रक्षालन एवं मंगल आरती कर की गई भव्य अगवानी


गणाचार्य श्री विरागसागर जी महाराज के शिष्य मेडिटेशन गुरू उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज एवं मुनिश्री विश्वसम्य सागर जी महाराज ससंघ ने आगरा के कमलानगर स्थित डी ब्लाक के श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर से बैण्ड बाजों के साथ मंगल विहार करते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर शालीमार एन्क्लेव कमलानगर पर पहुंचे। शालीमार एन्क्लेव सकल जैन समाज ने उपाध्यायश्री का पाद प्रक्षालन एवं मंगल आरती कर भव्य आगवानी की।पढि़ए शुभम जैन की रिपोर्ट ……


आगरा। गणाचार्य श्री विरागसागर जी महाराज के शिष्य मेडिटेशन गुरू उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज एवं मुनिश्री विश्वसम्य सागर जी महाराज ससंघ ने आगरा के कमलानगर स्थित डी ब्लाक के श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर से बैण्ड बाजों के साथ मंगल विहार करते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर शालीमार एन्क्लेव कमलानगर पर पहुंचे। शालीमार एन्क्लेव सकल जैन समाज ने उपाध्यायश्री का पाद प्रक्षालन एवं मंगल आरती कर भव्य आगवानी की। मंगल आगवानी के बाद उपाध्यायसंघ ने मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा एवं सभी प्रतिमाओं के दर्शन किए। इसके बाद उपाध्यायश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्लभ हैं, संसार में यथार्थ ज्ञान। सम्यकज्ञान को बीच में रखा गया। पहले जानो फिर श्रद्धा रखो।

 धर्म शब्द के अनेक अर्थ 

तत्त्वार्थसूत्र में कहा है कि पहले श्रद्धा रखो, मगर कुदकुद आचार्य ने समयसार की 16-17वी गाथा में कहा कि पहले जानो फिर श्रद्धा रखो। क्यों? आप सोना खरीदने गये और किसी ने चीलान दे दिया तो आप धोखा खा जाओगे, सोने को कसौटी पर कसते हैं, छिन्नी से काटते है. आग में तपाते है, तेजाब से साफ करते है, तब पता चलता है कि कितना प्रतिशत सोना है। तब सोना खरीदते है, तो जब एक वस्तु को खरीदने के लिए इतनी जाँच-पड़ताल करते हैं तो एक धर्म को स्वीकार करते समय ऐसे कैसे आँख मूँद करके स्वीकार कर ले। इसलिए उन्होंने कहा कि धर्म शब्द के अनेक अर्थ होते हैं। जैसे दूध शब्द है। तो आंकड़े के पेड़ से निकलने वाले द्रव को भी दूध बोलते है ,और गाय के भी दूध को दूध बोलते हैं। यदि आँख में कोई किरकिरी हो तो गाय का दूध डालने से शांति मिलेगी,और यदि आंकड़ी का दूध डाल दिया तो आँख फट जायेगी। शालीमार एन्क्लेव सकल जैन समाज ने उपाध्यायश्री विहसंतसागर जी महाराज ससंघ के समक्ष श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। 01 मई को मेडिटेशन गुरू उपाध्याय श्री विहसंतसागर जी महाराज एवं मुनिश्री विश्वसम्य सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानासागर जी महाराज का अवतरण दिवस 8:00 बजे से श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर शालीमार एनक्लेव ,कमला नगर पर मनाया जाएगा।इस अवसर पर जगदीश प्रसाद जैन,राजकुमार जैन ,गुड्डू ,राजू गोधा,प्रमोद जैन,राहुल जैन,अनुज जैन,अंकेश जैन,शुभम- जैन समस्त शालीमार एन्क्लेव जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।

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