कहानी जिन मंदिरों की

मोजमाबाद में 500 पुराना दिगंबर जैन मंदिर


सारांश

अजमेर का मोजमाबाद आदिनाथ मंदिर पांच सौ साल पुराना है। कहते हैं कि इस मंदिर में भगवान आदिनाथ स्वयं विराजमान हैं। वे खुद भक्तों की पीड़ा सुनते हैं और उसे दूर करते हैं। पढ़िए विस्तार से….


अजमेर जिले में मोजमाबाद में स्थित दिगंबर समाज के जैन मंदिर के बारे में जिसको करीब 500 साल पुराना बताया जाता है। जयपुर के राजा मानसिंह प्रथम ने इसे बनवाया था। दिगंबर जैन मंदिर में तीन भगवानों की विशेष पूजा की जाती है। यहां आदि जैन,आदित्यनाथ जैन और शंभूनाथ जैन की पूजा होती है। यहां के जानकार बताते हैं कि कई बार कोशिशें हुई लेकिन इन तीन मूर्तियों के अलावा अब तक ऐसा संभव नहीं हो पाया है कि कोई अन्य मूर्ति यहां स्थापित की जा सके।

रात में स्वयं देव,भगवान आते हैं, खुद बजती हैं घंटियां

इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि रात के समय यहां देव और भगवान आते हैं मंदिर की घंटियां खुद-ब-खुद बजने लगती है। मंदिर में लगी प्रतिमाओं का आकार बेहद सुंदर है। प्रतिमा के नाखून बढे हुए हैं, जैसे इंसानों के बढ़ते हैं। वहीं उंगली और हाथ साफ तरीके से दिखाई देते हैं। भगवानों की मूर्ति की नाक भी इंसानों की तरह बनी है। आपको बता दें कि पैर की उंगली साफ तरीके से दिखाई देती है। और भगवान मुस्कुराते हुए नजर आते हैं। भगवान के अंगूठे नीचे की तरफ और उंगलियां ऊपर की तरफ उठी हुई है बताया जाता है कि भगवान मुद्रासन में है। मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है। वहीं मंदिर के अंदर सुंदर चित्रकारी का काम किया गया है। वहीं एक बात जो चौंकाने वाली है कि मंदिर में खंभों की गिनती आज तक कोई सटीक तरीके से नहीं कर पाया है।

मंदिर के भीतर गई गुफाएं, जिनका अभी तक पता नहीं

कहते हैं कि दिगंबर जैन मंदिर में एक ऐसा पत्थर भी है जो बताया जाता है कि जितना जमीन से ऊपर है उतना ही वह पत्थर जमीन के नीचे भी है। वहीं गांव की एक निवासी ने बताया कि मंदिर के अंदर कई गुफाएं हैं। जिनका आज भी पता नहीं लगाया जा सका है, मंदिर को गुफा वाला मंदिर भी कहा जाता है।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
2
+1
0
+1
1

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें