श्रीफल जैन न्यूज़ की प्रस्तुति
काव्य संसार
पर्व
.पर्व है ये
उत्तम स्वास्थ्य का, दीप जलाने का।
शुद्ध विचारों के धन को मन में बसाने का।
.पर्व है ये
तन को नहीं
मन को निखारने का।
रूप-स्वरूप न बदलकर
वीतरागिता को अपनाने का।
पर्व है ये
घर के बाहर नहीं
मन के भीतर का अंधकार भी मिटाने का।
अपने विचारों को नई रोशनी देकर
जग में जगमगाने का।
पर्व है ये
भगवान महावीर के संदेश को
जन-जन तक पहुंचाने का।
अहिंसा परमो धर्म सबको समझाने का।
अदिति जैन, मंदसौर
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