व्यक्तित्व समाचार

त्याग व करुणा की मूर्ति अशोक पाटनी के जन्मदिन पर विशेष : 31 साल पहले माचिस बेचते थे अब चलते हैं पर्सनल हेलिकॉप्टर से


एक असाधारण व्यक्तित्व है लेकिन बहुत साधारण है, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति की जो अपना जीवन एक साधारण परिवेश में जीते हैं लेकिन वह व्यक्तित्व एक असाधारण व्यक्तित्व का धनी है। जी हां हम बात कर रहे हैं इस देश का गौरव ,जैन समाज का गौरव ,व्यवसाय का गौरव ,धर्म का गौरव ,उदार मना व्यक्तित्व भामाशाह अशोक पाटनी आर के मार्बल की । हम देखें तो उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण है जिनकी जिनकी अगर वैभव संपदा को देखा जाए तो विशाल नजर आएगा,लेकिन उनका जीवन सादा जीवन उच्च विचार को परिलक्षित करता है। आज उनका जन्मदिन है , श्रीफल जैन न्यूज परिवार की तरफ से समाज के गौरव अशोक पाटनी को ढेरों मंगलकामनाएं ।


हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि तपेश्वरी सो राजेश्वरी। राजेश्वरी सो त्यागेश्वरी ताकि मुक्त्ति हो जाए। यह वैदिक सूत्र पर खरा उतरना इस कलिकाल में बहुत मुश्किल है पर कठिन डगर पर चलने का दृढ़ निश्चय कर लिया है जैन समाज के महान समाजसेवी और धर्मनिष्ठ प्रमुख कारोबारी अशोक पाटनी ने। जय जिनेद्र के सच्चे भक्त और हर जरूरतमंद की मददगार बनने वाले नेक दिल, संजीदा इंसान, ऊर्जावान, हर परिस्थिति का सटीक आकलन कर उसका समाधान ढूंढने की कला में निपुण हर पल सहजता और सादगी का दामन थामने वाले महान व्यक्तित्व के धनी, युग दृष्टा, कर्म योगी अशोक पाटनी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं।

तमाम भौतिक सुख सुविधाएं होने के बावजूद शालीन और सुमधुर होने के साथ निष्ठा और समर्पण के बेजोड संगम कहे जाने वाले अशोक पाटनी प्रभुप्रदत, अकूत संपदा को समाज सेवा में लगाकर संतुष्टि पाते हैं। कहने को तो बड़ा आसान होता है कि जैन धर्म की पालना की जाए पर सफलता के चरम पर पहुंचकर दिन छिपने से पहले भोजन करना और देर रात्रि में पानी तक त्याग करना यह कोई मुमुक्ष की प्रबल इच्छा रखने वाले संत स्वभाव के व्यक्ति द्वारा ही संभव है।

सोमवार को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सर संघ चालक डॉ मोहनराव भागवत ने कहा कि आप दोनों हाथों से कमाईए पर समाज के उत्थान में धन को लगाईए। इस सिद्धांत को अक्षरश: पालन कर रहे हैं मार्बल नगरी के अशोक पाटनी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सिद्धांत था वैष्णव जन तो तेने ही कहिए जो पीर पराई जाणे रे। उस सिद्धांत पर चलते हुए अशोक पाटनी हर दिन मानवता की सच्ची सेवा में लगे हुए हैं।

बेहद विनम्र और सरल स्वभाव की वजह से सबके चहेते गुरु भक्त्ति में लीन रहने वाले अशोक पाटनी की प्रबल धारणा है कि गुरु समरथ सिर पर खड़े, कहा कमी तोहि दास। रिद्धि सिद्धि सेवा करे, मुक्ति न छोडे पास। इस विचार के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं परोपकारी, मददगार, समाजसेवी और देश के प्रति अगाध आस्था रखने वाले अशोक पाटनी को समाचार जगत परिवार की ओर से जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाएं, ईश्वर से समाज के महान विभूति के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की हम कामना करते हैं।

जैन समाज का गौरव हैं अशोक पाटनी
जैन शिरोमणि अशोक पाटनी जिनकी दानवीरता दयालुता की वजह से आचार्य शुरू से ही श्री विद्यासागर जी, आचार्य श्री वर्धमान सागर जी, मुनि श्री सुधासागर जी महाराज सहित जैन धर्म के सभी महान संतों का आशीर्वाद प्राप्त है। 1998 में मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के सानिध्य में दयोदय अहिंसा रत्न अलंकरण को उपाधि द्वारा सीकर सम्मानित ऐसे ही 2012 में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सानिध्य में दयोदय अहिंसा रत्न अलंकरण की उपाधि से डोंगरगढ़ सम्मानित ऐसे ही 2019 में परम पूज्य निर्वापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के सानिध्य में बिजोलिया क्षेत्र में चामुंड राय की उपाधि से विशेष सम्मानित। उपाधियों में देखा जाए तो पाटनी को जैन समाज के दानवीर, दयावीर, सेवा रत्न, जैन गौरव, तीर्थोद्वारक, परम मुनि भक्त, चामुंडा राय, दयोदय अहिसा रत्न, देवशात्र गुरु को समर्पित श्रावक रत्न जैसी उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है।

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