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बसंत के मौसम में कैसा हो खानपान? : जानें इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए कैसा हो आपका खानपान


बसंत ऋतु का आगाज हो चुका है। प्रकृति की खूबसूरती के साथ हवा में भी अलग सी चहक हम सब के कानों में मानों एक अलग ही ऊर्जा का संचार कर रही है। पक्षियों की चहचहाहट हमें सर्द भरी धूप से बाहर निकालने की कोशिश में है। यह मौसम बहुत ही सुहावना होता है। इस मौसम में पूरी प्रकृति ही सुन्दर दिखती है। इस समय ना तो ज्यादा ठंडी होती है ना ही ज्यादा गर्मी, मौसम एक दम मिला जुला होता है। दिन में गर्मी होने के कारण शरीर में जमा कफ पिघलकर निकलने लगता है। इसलिए इस मौसम में कफ के असंतुलन से होने वाले रोग जैसे कि खाँसी, जुकाम, दमा, गले की खराश, टॉन्सिल्स, पाचन-शक्ति की कमी, जी-मिचलाना आदि बढ़ जाते हैं। इसलिए इस मौसम में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।


बसंत ऋतु में क्या खाएं

इस मौसम में ताजा हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए। मूँग, चना और जौ की रोटी, पुराना गेहूँ और चावल, जौ,राई, भीगा व अंकुरित चना, मक्खन लगी रोटी, हरी शाक-सब्जी एवं उनका सूप, सरसों का तेल आदि का सेवन करें।

सब्जियों में- करेला, पालक, केले के फूल, सोंठ, काली मिर्च, हरड़, बहेड़ा, आँवला, धान की खील, खस का जल, नींबू आदि का सेवन करें।

इस मौसम में मौसमी फलों और चासनी का सेवन भी ज़रुर करें। पानी अधिक मात्रा में पिएं। कफ को कम करने के लिए मुंह में ऊँगली डालकर उल्टी करें।

क्या ना खाएं 

बसंत ऋतु में भारी, चिकनाई युक्त, खट्टी (इमली, अमचूर) और मीठी चीजों (जैसे कि गुड़, शक्कर) आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ठंडी तासीर वाले आहार, उड़द, रबड़ी, मलाई जैसे भारी आहार लेने से बचना चाहिए।

रहन सहन में बदलाव 

नियमित रूप से हल्का व्यायाम अथवा योगासन करना चाहिए। सूर्योदय से पहले टहलने से स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। तेल मालिश करके गुनगुने पानी से नहाएं। धूप में निकलते समय सिर पर टोपी या छाते का प्रयोग करें।

क्या ना करें 

इस मौसम में खुले आसमान के नीचे सोना, ठंड में रहना, धूप में घूमना व दिन में सोना भी हानिकारक माना जाता है।

बसंत के मौसम में खानपान के इन नियमों का भी रखें ध्यान

बसंत के मौसम में आपको खानपान से जुड़ी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चूंकि इस मौसम में सर्दी कम होने लगती है और मौसम ठंडे से गर्म की तरफ बढ़ने लगता है, इसलिए बसंत के मौसम में खानपान को लेकर निम्न सावधानियां जरूरी हैं।

-ताजा, हल्का और सुपाच्य भोजन ही खाएं।

-कफ वर्धक तैलीय आहार (फ्राइड चीजें) या दूध से बने उत्पादों का सेवन कम करें।

-फास्ट फूड (fast food and cold drinks), ठंडे पेय पदार्थ, आइसक्रीम का जहां तक संभव हो सेवन ना करें।

-दिन में सोने की आदत से बचें।

-गुनगुने पानी में सौंठ और चासनी मिलाकर पी लें।

-नियमित रूप से तिल के तेल की मालिश करें।

-सौंठ, काली मिर्च व पिपली का चूर्ण बनाकर चासनी के साथ सेवन करें।

-आवश्यकतानुसार तुलसी, अजवाइन, मुलेठी का चूर्ण बनाएं या काढ़ा बनाकर लें।

तो ये हैं कुछ ऐसे फल और सब्जी या खाद्य हैं, जिनसे न सिर्फ आपको स्वाद मिलेगा बल्कि सेहत भी दुरुस्त रहेगी। इसके अलावा आप बिना मौसम की सब्जी और फलों को खाने से बचें ये आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

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