समाचार सम्मेदशिखर

अष्टान्हिका महापर्व पर सम्मेद शिखरजी में शुरू हुई सिद्धों की महा आराधना   छाबडा परिवार के सौजन्य से शुरू हुआ सिद्धचक्र महामंडल विधान  


अष्टान्हिका पर्व के अवसर पर अनंतानंत सिद्धों की भूमि शाश्वत भूमि तीर्थ राज सम्मेद शिखर जी में होगी सिद्धों की महा आराधना शुरू हुई। श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान व विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन पूज्य पिता स्वर्गीय चिरंजी लाल छाबडा, माता स्वर्गीय भवरी देवी छाबडा के मंगल आशीर्वाद से 17 मार्च से 25 मार्च भगवान 1008 श्री आदिनाथ भगवान, सिद्धायतन सम्मेदशिखर जी के दरबार में श्रावक श्रेष्ठी अरुण-संतोष छाबडा लालगोला निवासी, दिल्ली प्रवासी के द्वारा किया जा रहा है। पढि़ए राज कुमार अजमेरा की रिपोर्ट…  


सम्मेद शिखरजी। सिद्धक्षेत्र तीर्थराज श्रीसम्मेद शिखरजी पावन भूमि पर श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान व विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन पूज्य पिता स्वर्गीय चिरंजी लाल छाबडा, माता स्वर्गीय भवरी देवी छाबडा के मंगल आशीर्वाद से 17 मार्च से 25 मार्च भगवान 1008 श्री आदिनाथ भगवान, सिद्धायतन सम्मेदशिखर जी के दरबार में श्रावक श्रेष्ठी अरुण-संतोष छाबडा लालगोला निवासी, दिल्ली प्रवासी के द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर दिल्ली और लालगोला से सेकड़ों लोगो का दल पहुंचा है। वे सभी सिद्ध की आराधना के लिए श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का महाआयोजन पूरी भक्ति और उत्साह के साथ इस विधान में भाग लेंगे।

सर्व प्रथम सौभाग्यमति महिला द्वारा घट यात्रा कर मंडप के पास पहुंचकर भूमि शुद्धि मंडप शुद्धि आदि कार्यक्रम पंडित के निर्देशन में हुआ। इसके पश्चात सिद्धायतन में विराजमान 1008 आदि नाथ भगवान का प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा विधान पुण्याजक अरुण-दिग्विजय छाबडा को प्राप्त हुआ। अभिषेक के बाद विश्व शांति प्रदायक 1008 सिद्धचक्र महामंडल की पूजा प्रारंभ हुई, जिसमें पंडित कुमुद जैन अजमेर के द्वारा एक-एक मंत्र को शुद्धता के साथ वाचन कर एक-एक कर अघ्र्य और श्रीफल चढ़ाया।

इस विधान में क्षुल्लक 105 प्रज्ञानसागर जी महाराज बताया कि अर्घ समर्पण करने से मन मे एकाग्रता आती है।ओर ये सिद्धचक्र विधान सिद्ध फल देने वाला है ज़हां आपको सुख शांति स्वास्थ्य समृद्धि सफलता और पुण्य प्रसून के साथ परम्परा से मोक्ष का भी कारण भी बनेगा। विधान के पुण्याजक अरुण जैन ने बताया कि मेरे परिवार को बहुत दिनों से विधान करने की प्रबल इक्छा शास्वत सिद्धों की भूमि पर थी, जो आज पूरे परिवार के साथ पूर्ण हुई।

सिद्धचक्र के विधान में पूजा करने और विशेष अघ्र्य चढ़ाने का सौभाग्य मुख्य पुण्याजक की ओर से सोधर्म इंद्र अरुण-संतोष छाबडा (डी. डी. ज्वेलर्स दिल्ली), उत्कर्ष श्रावक सृष्टि गुनिया देवी पाटनी, हजारीबाग, प्रेमलता सेठी, डिमापुर, सोना देवी छाबडा, लालगोला पाल मैना सुंदरी-दिग्विजय-लहर छाबडा, यज्ञनायक राजकुमार-शर्मिला छाबडा, लालगोला, धनकुबेर-रमेश-अंजू जैन गुवाहाटी, संनत कुमार इंद्र राजन-नीलू साह गिरिडीह, ईशान इंद्र सुरजीत-पूनम जैन, महेन्द इंद्र उम्मेद मल-हेमा जैन कोलकाता, ब्रह्म इंद्र प्रवीण-सरोज गोधा धनबाद, वव्रहमोतर इंद्र मनीष पायल साह गिरिडीह, लांतव इंद्र-राहुल- श्रुति जैन, महाशुक इंद्र-ताराचंद कुसुम गोधा सहस्राह इन्द्र-विमल शांति छाबड़ा लालगोला, आणत इन्द्र, विजय ललित छाबड़ा,कोलकाता, प्राणत पदम उषा पाटनी भागलपुर, आनत इन्द्र- हेमंत काजल सेठी, दिग्विजय-लहर छाबडा, समस्त छाबडा परिवार को प्राप्त हुआ। आज विशेष रूप से विधान में शामिल हुए लोगों के साथ अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
2
+1
0
+1
0

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें