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श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के अंतिम दिन अर्पित किए गए 1024 अर्घ्य : धर्म को हमेशा उच्च स्थान देकर अपने कर्म करें-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर


अंजनी नगर स्थित पार्श्व संत सदन भवन, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री अभिनंदन सागर महाराज जी से दीक्षित, आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज से शिक्षित अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री अनुश्रमण सागर जी महाराज के सानिध्य में हो रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति के लिए महायज्ञ के अंतिम दिन इंद्र-इंद्राणियों ने मंडप पर 1024 अर्घ्य सिद्धों का गुण गान करते हुए चढ़ाए। इस अवसर पर मुनि श्री के प्रवचन भी हुए। पढ़िए नितिन पाटोदी की  विशेष रिपोर्ट…। फोटो – हर्ष जैन 


इंदौर। अंजनी नगर स्थित पार्श्व संत सदन भवन, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री अभिनंदन सागर महाराज जी से दीक्षित, आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज से शिक्षित अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री अनुश्रमण सागर जी महाराज के सानिध्य में हो रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति के लिए महायज्ञ के अंतिम दिन 1024  अर्घ्य अर्पित गए। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन “पंचायती” मंदिर अंजनी नगर इंदौर के उपाध्यक्ष ऋषभ पाटनी ने बताया कि सभी मुख्य पात्रों व इंद्र- इंद्राणियों ने बड़े ही भक्ति भाव से सारे अर्घ्य अर्पित किए।

धर्म के मामले में कंजूसी न बरतें

इस अवसर पर मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति अपने मानकों के अनुसार कर्म करता है लेकिन जहां धर्म की बात आती है तो वह थोड़ा कंजूस हो जाता है। वह यह नहीं जानता कि उसमें जो योग्यता है, वह उसी धर्म में किये हुए कर्म के कारण ही है। अतः धर्म को हमेशा उच्च स्थान देकर अपने कर्म करें, जिससे भव -भव तक उच्च स्थान प्राप्त हो सके।

इन्हें मिला सौभाग्य

इससे पहले प्रातः 6 बजे मंगलाष्टक, अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजा के बाद विधान की क्रियाएं प्रारम्भ की गईं। विधान संयोजक चन्द्रकुमार गोधा व नितिन पाटोदी ने बताया कि विधानाचार्य  योगेंद्र काला व मुनि श्री के मार्गदर्शन पर विश्व शांति के लिए की गई शांतिधारा के लाभार्थी विकास- वर्षा जैन, राकेश- मंजू जैन, महेन्द्र -मंजू अजमेरा व सोहनलाल -मनोरमा पंचौली रहे। मंदिर कमेटी के राजेश गोधा ने बताया कि आज मंडल पर 108 लौंग द्रव्य प्रदाता सुरेश- अनिता जैन की ओर से अर्पित किए गए। सायं काल की बेला में बड़े ही भक्ति भावों से पूज्य मुनि संघ की गुरु भक्ति की गई, इसके साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा मंडल पर विराजमान श्रीजी की आरती की गई। मंगलवार को विश्व शांति के लिए हवन होगा।

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