श्रीमहावीरजी महामस्तकाभिषेक समाचार

दस दिवसीय महा मस्तकाभिषेक का समापन रविवार को

निकलेगी रथयात्रा
जयपुर/ श्री महावीरजी – -चांदनपुर वाले बाबा के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध भूगर्भ से प्रकटित भगवान महावीर की मूंगावर्णी अतिशयकारी प्रतिमा के महामस्तकाभिषेक महोत्सव में सातवें दिन शनिवार को जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ महामस्तकाभिषेक किये।। इस मौके पर मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठा। महामस्तकाभिषेकमहोत्सव का 4 दिसंबर को समापन होगा। इस दौरान पुण्यार्जक श्रद्धालुओं एवं इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा 2651 कलशों से भगवान का महामस्तकाभिषेक किया जाएगा।

महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि शनिवार को टीले से निकली अतिशयकारी 1 हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की मूंगावर्णी मूलनायक प्रतिमा के जम्बू प्रसाद जैन ने नवरत्न कलश के माध्यम से प्रथम महामस्तकाभिषेक किये। रत्न कलश के माध्यम से समाजश्रेष्ठी रमेश सरावगी एवं परिवारजनों द्वारा द्वितीय कलश, दिव्य कलश के माध्यम से राज कुमार वीर बिल्डर्स सहित जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव जैन, पूर्व न्यायाधीश अतुल कुमार जैन,भारत सरकार में संयुक्त सचिव राहुल जैन, समाजसेवी,महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा,अशोक बाकलीवाल,यश कमल अजमेरा, राजेश बड़जात्या,कमल वैद सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अन्य कलशों के माध्यम से महामस्तकाभिषेक किये। इस मौके पर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी के संरक्षक प्रवीण चन्द्र छाबड़ा,श्री वीर सेवक मण्डल जयपुर के अध्यक्ष महेश काला सहित कई गणमान्य श्रेष्ठी जनों ने सहभागिता निभाई।

चरण छतरी के नजदीक नव प्रतिष्ठित 24फुट 1इंच की उतंग खड्गासन बिजोलिया पत्थर से निर्मित भगवान महावीर की प्रतिमा के सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा जयकारों के बीच मंत्रोच्चार के साथ महामस्तकाभिषेक किये गये।
आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में शनिवार को प्रातः 8.15 बजे से हुए महामस्तकाभिषेक भगवान महावीर स्वामी की भूगर्भ से प्रकटित मूंगावर्णी मूलनायक प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक करने हेतु श्रद्धालु नाचते गाते शुद्ध पीत वस्त्र धारण कर बैण्ड बाजों के साथ विशाल जुलूस के रूप में मुख्य मंदिर पहुंचे। इस मौके पर पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। कार्याध्यक्ष विवेक काला एवं मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन के मुताबिक लगभग 425 कलशों से पुण्यार्जक परिवारों के सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा सातवें दिन जयकारों के बीच मंत्रोच्चार से महामस्तकाभिषेक किये गये।


महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक शांतिधारा पुण्यार्जक पवन, मनीष,भरत गंगवाल परिवार द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए भगवान के सिर पर शांतिधारा की गई। महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि शनिवार 3 दिसम्बर को प्रातः 9.30 बजे से सायं 4.15 बजे तक भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ। सायंकाल 5.30 बजे आयोजित सम्मान समारोह में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव सहित अन्य कार्यों में सहयोग करने वाले 141 सहयोगियों का तिलक, माल्यार्पण, प्रशस्तिपत्र एवं भगवान महावीर का चित्र भेंट कर क्षेत्र कमेटी की ओर से अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी के नेतृत्व में सम्मान किया गया।

श्री जैन ने बताया कि भगवान महावीर की मूंगावर्णी अतिशयकारी प्रतिमा का 4 दिसम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 8.15 बजे से सायं 4.15 बजे तक महामस्तकाभिषेक होगा। आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में दोपहर बाद पाण्डाल से विशाल रथयात्रा निकाली जाएगी जिसमें श्री जी विराजमान होंगे। रथयात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए मुख्य मंदिर पहुंचेगी जहां श्री जी को जयकारों के बीच वेदी में विराजमान किया जाएगा। अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि रविवार को रात्रि में 8.00 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में भगवान महावीर के वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया जाएगा।

मंदिर दर्शन का समय —-
कार्याध्यक्ष विवेक काला ने बताया कि दर्शनार्थियों के लिए मुख्य मंदिर दर्शन प्रातः 5.00 बजे से 7.00 बजे तक तथा सायंकाल 6.00 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक हो सकेंगे। मंदिर के नीचे स्थापित ध्यान केन्द्र की प्रतिमाओं के दर्शन प्रातः 8.00 बजे से रात्रि 9.00 बजे तक हो सकेंगे।

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