कथा सागर

स्वाध्याय – 2 : चंद्रगुप्त के सोलह स्वप्न- प्रस्तुति अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

 डूबते हुए सूर्य का दर्शन– यह इस बात का संकेत है कि महावीर के मार्ग को प्रकाशित करने वाला आगम का ज्ञान उत्तरोत्तर अस्त होता हुआ समाप्त होगा। कल्पवृक्ष की...

तीर्थ यात्रा

होम्बुज देवी में हर्षोल्लास से मनाया जाता है नवरात्र पर्व

धार्मिक संस्कृति से ओत-प्रोत भारत संसार का ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के पर्व और त्यौंहार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सभी धर्मों के त्यौंहार और पर्व यहां बड़े...

कथा सागर

स्वाध्याय – 1 : ‘सूर्यास्त पश्चात भोजन विषाक्त कैसे हो जाता है?’ -अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

भारतीय और जैन संस्कृति में साधना, ध्यान, त्याग और संयम को महत्त्व दिया गया है। यह कहा जा सकता है कि इनके बिना भारतीय और जैन संस्कृति की पहचान ही नहीं हो सकती...

कथा सागर

पहला भाग

छहढाला के रचयिता का परिचय अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज की कलम से पंडित दौलतराम जी का जन्म हाथरस निवासी टोडरमल जी के यहा पर हुआ था । जाति पल्लीवाल और गोत्र...

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